तनखा बढ़ा दो मेरी,
होता नहीं है गुजारा
थोड़ा लगा दो सहारा।
ये मेरी अपने नियोक्ताओं से दरख्वास्त भी है और उनके सामने अपनी मजबूरी भी रो रहा हूं कि भई जो कुछ चिल्लड़ आप मुझे देते हो उससे अब गुजारा नहीं होता है। अप्रैल का महीना खत्म हो चुका है और इस गुजरे महीने में लगभग हर कोई इन लाइनों को गुनगुना रहा था। भई हम तो अब भी गुनगुना रहे हैं क्योंकि हमारी तनख्वाह तो अभी तक बढ़ी नहीं है। अब तो हमने ठान ली है कि जब तक बॉस हमारी डावांडोल होती अर्थव्यवस्था को सहारा नहीं लगाते तब तक उनके सामने इस गाने को न सिर्फ गुनगुनाएंगे बल्कि अपनी मोबाइल की रिंगटोन भी इसी गाने को बनाकर रखेंगे। ताकि जैसे ही कोई फोन आए तो बॉस को हमारी दरख्वास्त सुनाई पड़ जाए। अब तो सोच रहा हूं कि एक बार फोन आने पर न उठाऊं ताकि बॉस अच्छी तरह से हमारी परेशानी को समझ लें। वैसे रिंगटोन की बात निकली है तो उस पर बात आगे बढ़ाई जा सकती है। आजकल जिस तरह की रिंगटोन सुनने को मिल रही हैं उससे बहुत कुछ समझ में आता है। रिंगटोन ही नहीं कॉलर ट्यून भी बड़ी ही मजेदार सुनने को मिलती हैं आजकल। तो चलिए लगाते हैं रिंगटोन की दुनिया में गोता।
'तनखा बढ़ा दो मेरी' एक रिंगटोन तो आप सुन ही चुके हैं, ये तो खास बॉस के लिए बनाई गई है। इसी से मिलता जुलती एक और रिंगटोन जो आपको अनायास ही सुनने को मिल सकती है। रिंगटोन है - 'कसम खुदा की पैसा बहुत है, मगर मुझे प्यार चाहिए। ना बाई ना बाई, मुझे प्यार व्यार कुछ नहीं चाहिए मुझे सिर्फ पैसा चाहिए ऑनली पैसा ऑनली पैसा हा हा हा'। भई पैसे की महिमा है कोई उल्लू ही होगा जो प्यार की बात करेगा। प्यार न तो 48 रुपए किलो चीनी खरीद कर देगा और न ही 80 रुपए किलो तुअर की दाल, लेकिन पैसा ये सब दे देगा। भई हम जिस दौर में आज जी रहे हैं उसमें तो पैसा प्यार भी खरीद लेता है। न विश्वास हो तो देख लीजिए किसी अमीर बाप के बिगड़ैल, बेडौल और भद्दे से लड़के के पीछे कैसे लड़कियां या अमीर बाप की बेडौल और सारी खामियों से लैस लड़की पर भी लड़के फिदा रहते हैं। पैसा नहीं हो तो आपकी गर्ल फ्रैंड आपको छोड़ चली जाती है।
तो भईया एक बात गांठ बांध लो, ना बाप बड़ा न भईया, द होल थिंग इज दैट के भईया सबसे बड़ा रुपईया। अगर यही बात किसी के फोन की रिंगटोन के रूप में भी बजे तो हैरत में मत पड़िएगा।
अगर अचानक आपको लगे कि किसी ने आपके पास में ही पानी का पूरा जग उड़ेल दिया है तो एक बार ध्यान से अपने आसपास के लोगों को देख लीजिए, हो सकता है किसी के मोबाइल पर ऐसी रिंगटोन लगी हो। वैसे कई बार मोबाइल की रिंगटोन आपको सपनों के दर्शन करा देती है। बाहर भीषण गर्मी है और आप तिलमिलाती गर्मी से बेहाल, अभी अचानक कोयल की आवाज सुनाई दे तो ये न समझ लेना कि आया सावन झूम के। बल्कि यह भी किसी के मोबाइल की रिंगटोन होगी, यह पहले मन में लाना भले ही सावन का महीना ही क्यों न हो। अकेली सुनसान सड़क पर चल रहे हैं और अचानक कोई इंसान आपके पास से होकर गुजरे तभी बच्चे के हंसने की आवाज आए, लेकिन बच्चा न दिखे तो भूत समझकर उल्टे पांव दौड़ने की बजाए एक बार ये सोच लीजिएगा कि ये भी मोबाइल की रिंगटोन हो सकती है। कभी सुनसान अंधेरी रात में अचानक बिल्ली की आवाज सुनाई दे तो कोई घोर अंधविश्वासी इसे कोई आत्मा समझ बैठे तो हैरत की बात नहीं, लेकिन आप ऐसा न समझें क्योंकि ऐसी रिंगटोन भी आजकल सुनने को मिल जाती हैं। एक और रिंगटोन जो मेरे समझ में नहीं आई लेकिन हो सकता है आप समझ जाएं, अगर ऐसा हो तो मुझे भी बताइएगा। यह रिंगटोन कुछ इस तरह है न्य न्य न्यो न्यो, अय्यो अय्यो आगे समझ में नहीं आया। अचानक से आपको चलते फिरते टीवी वाली छोटी सी बहु आनंदी की धुन 'छोटी सी उमर' भी किसी के मोबाइल पर बजते सुनाई दे सकती है।
क्या आपको याद है एक समय विवेक ओबराय और रानी मुखर्जी की हिट फिल्म साथिया की ट्यून, खासी हिट हुआ करती थी, उस समय आज की तरह गाना नहीं बल्कि सिर्फ ट्यून ही सुनाई पड़ती थी। इस बात का यहां कोई औचित्य तो नहीं है मैंने सोचा एक बार 2जी का वह जमाना याद कर लिया जाए जब ब्लैक एंड व्हाइट फोन भी अगर किसी के पास होता था तो उसका स्टेटस आपसे ऊपर होता था और एक वक्त आज है जब 8 सौ रुपए में रंगीन मोबाइल धक्के खा रहे हैं। अपनी बात बताऊं तो मैंने सबसे पहले 3000 रुपए खर्च करके सैकेंड हैंड नोकिया-3315 मोबाइल खरीदा। जिसे बाद में 8 महीने चलाकर एक बार फिर 2200 रुपए में बेच दिया था। मैंने भी साथिया फिल्म की उस रिंगटोन को अपने मोबाइल में काफी समय तक बजाया या यूं कहूं बजवाया था।
रिंगटोन और भी हैं जैसे बच्चे की हंसने की ट्यून रैप करके भी सुनाई पड़ जाती है। लेटेस्ट हिन्दी फिल्म का गाना, किसी के पसंदीदा सीरियल का टाइटल सॉन्ग या गब्बर की आवाज भी रिंगटोन में सुनने को मिलती है। तो भईया तैयार रहिए हो सकता है आपको भी ऐसी ही किसी रिंगटोन से सामना हो जाए।
Saturday, May 1, 2010
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