सबके भेद खुल गए,
रंगे सियार धुल गए।
असली रूप में आए नजर
अब एक-एक होगा दर-बदर।
चेहरे से नकाब उतर गया,
गद्दारों का मुखड़ा दिख गया।
कोई भारत के टुकड़े कर रहा,
कोई दुश्मन जिंदाबाद कर गया।
जागी सतायों के लिए उम्मीद ऐसी,
घर और दिल में जगह दिलाएगा CAA-NRC
अब अपना भी हंसता खेलता परिवार होगा,
देश की खुशहाली में मेरा भी अधिकार होगा।
ये खुशी गद्दारों को ना हज़म हुई,
विरोध के नाम पर देश तोड़ने की बात हुई।
और इस तरह रंगे सियार धुल गए,
भेद उनके सारे खुल गए।
रंगे सियार धुल गए।
असली रूप में आए नजर
अब एक-एक होगा दर-बदर।
चेहरे से नकाब उतर गया,
गद्दारों का मुखड़ा दिख गया।
कोई भारत के टुकड़े कर रहा,
कोई दुश्मन जिंदाबाद कर गया।
जागी सतायों के लिए उम्मीद ऐसी,
घर और दिल में जगह दिलाएगा CAA-NRC
अब अपना भी हंसता खेलता परिवार होगा,
देश की खुशहाली में मेरा भी अधिकार होगा।
ये खुशी गद्दारों को ना हज़म हुई,
विरोध के नाम पर देश तोड़ने की बात हुई।
और इस तरह रंगे सियार धुल गए,
भेद उनके सारे खुल गए।
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