दोस्तो पिछले दिनों दो खबरें पढ़ी, जिनमें से एक तो यह कि अब ट्राई (टेलीफोन रेग्यूलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया) मतलब जो संस्था फोन कंपनियों पर नकेल कसने का काम करती है, अब लैंडलाइन के नंबरों को भी दस डिजिट का करने पर विचार कर रही है। दूसरी के बारे में नीचे बात करेंगे। पहली खबर जब मैंने पढ़ी तो मुझे झट से अपने दो क्लासमेट्स और एक सहकर्मी की याद आ गई। ये दोनों झूठ बोलने इतने माहिर हैं कि इन दोनों को ही एक दूसरे ने कड़ी टक्कर दी हुई है। इतना ही नहीं यह खबर पढ़ते ही मन में एक और बात सोचकर मैं मन ही मन मुस्कुराने लगा। जो बात मुझे मुस्कुराने पर मजबूर कर रही थी वह असल में यह थी कि अब लोग घर बैठकर लैंडलाइन से भी झूठ बोल सकते हैं।
अभी शायद आपके समझ में यह बात नहीं आ रही है कि जैसा ट्राई सोच रही है वैसा होने पर लोग लैंडलाइन से कैसे झूठ बोल पाएंगे। तो जनाब कभी बाल कटवाने या दाढ़ी बनावाने के लिए नाई की दुकान पर बैठे जाइए और देखिए कि हजामत बनवाते-बनवाते लोग कैसे मोबाइल पर जरूरी मीटिंग में हूं, दिल्ली से बाहर गया हूं, अभी तो मैं फलां फलां जगह हूं कहते हुए दूसरी तरफ वाले की हजामत करते हैं। ऐसा नहीं है कि यह अकेली जगह है जहां ऐसे झूठ बोले जाते हैं, यही नजारा आपको सड़क पर चलते हुए, बस में, ट्रेन में, ऑफिस में मतलब कहीं भी देखने को मिल जाएगा। क्योंकि मोबाइल का एक ठिकाना नहीं होता इसलिए आपका मन जहां करे बता दीजिए मैं वहां हूं, सुनने वाला विश्वास करे न करे उसके पास दूसरा उपाय भी नहीं होता है। लेकिन लैंडलाइन के मामले में बात दूसरी थी, क्योंकि इससे अगर आप किसी को फोन करते हैं तो वहां का स्थानीय कोड भी चला जाता है। मतलब आप चाहकर भी झूठ नहीं बोल सकते और हां अगर कोई फोन करे और आप उठा लें तो यह तय है कि आप घर पर ही हैं।
अब सोचिए कि लैंडलाइन भी अगर 10 डिजिट के हो गए तो उन झूठ के सरताजों के लिए कितनी सहूलियत हो जाएगी। अब तो वे बिस्तर में लेटे हुए लैंडलाइन से अपने बॉस से बात करेंगे और कहेंगे सर मुझे अचानक मम्मी-पापा के साथ हरिद्वार जाना पड़ा। या दरवाजे पर खड़ी अपनी गर्लफ्रैंड से बचने के लिए डार्लिंग मैं तो अभी मंदिर में हूं।
दूसरी खबर यह थी कि अब आपकी लिखावट आपके झूठ का राज खोल सकती है। इस खबर में वैसे तो कुछ खास बात नहीं थी लेकिन जब पहली खबर के साथ इसे जोड़कर देखा तो सोचा वाह! क्या बात है फोन पर झूठ बोल-बोलकर टर्काते रहो, सामने आने की जरूरत ही क्या है। न आपना सामना होगा और न ही झूठ से पर्दा उठेगा। जब झूठ बोलने की कला आती ही है तो लिखावट का भी कुछ न कुछ कर ही लिया जाएगा। अगर आप कुछ करते नहीं बनेगा तो कोई न कोई ऐसी टेक्नोलॉजी युक्त पेन भी आ ही जाएगा जो सफाई से झूठ लिखने में मदद कर दे। टेक्नोलॉजी के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है और ऐसी तकनीक जिस दिन भी आ जाएगी उस दिन यह खुशखबरी मैं भी अपने ब्लॉग पर आपको जरूर दूंगा। झूठ के सरताजों को बेस्ट ऑफ लक!
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