Wednesday, January 27, 2010

...तो भारत-पाक हैं ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार

जी हां दोस्तो! पहले पहल जब मुझे इसी हैडिंग से कुछ-कुछ मिलती जुलती हैडिंग आज सुबह अखबार में पढ़ने को मिली तो मैं एक बार के लिए चौंक गया। असल में अखबार की हैडिंग कुछ इस तरह थी 'भारत-पाक परमाणु युद्ध से ठंडी हो सकती है जलवायु।' इस हैडिंग को पढ़ने के बाद पहली प्रतिक्रिया जो मेरे मन आई वह यही थी कि यह बात सही है कि ये दोनों देश ही ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं। पहला कारण तो हम सब जानते ही हैं कि इन दोनों के रिश्तों में हमेशा तल्खी रहती है और आए दिन कहीं न कहीं बम विस्फोट की घटनाएं भी सुनाई ही देती हैं। इसके अलावा बार्डर पर गोलीबारी की घटनाएं तो आम बात हैं और दोनों तरफ के नेता और सैन्य अधिकारी जिस तरह से गाहे-बगाहे एक दूसरे की तरफ आग उगलते हैं उससे सियासी माहौल ही गर्म नहीं होता बल्कि वो ग्लोबल वार्मिंग का कारण भी बन सकता है।

इन दोनों देशों को ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार ठहराने का दूसरा कारण यह है कि दोनों देश दक्षिण एशिया के मजबूत देश हैं और पाकिस्तान न सही भारत दुनिया की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हो न हो हम एक दिन क्रिकेट की तरह ही दुनिया की महाशक्ति बनने की कुव्वत रखते हैं। जब हमारा भविष्य इतना शानदार दिखता हो तो जाहिर सी बात है कि कुछ मौजूदा शक्तियां हमें पीछे धकेलना चाहेंगी। सच्चाई यही है कि जो भी ऊंचाई पर होता है वह नहीं चाहता कि दूसरा उसे पछाड़कर उससे आगे निकल जाए। खैर मुद्दे की बात पर आते हुए बता दूं कि इस पैराग्राफ में जो लिखा है उसका संबंध पूरी तरह से उस खबर से है जिसको देखकर मैं यह लेख लिखने बैठ गया।

खबर के कुछ अंश आपको बताऊं तो वह कुछ इस प्रकार थीः परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण पर जापान और आस्ट्रेलिया की एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो इसके कारण जलवायु बेहद ठंडी हो सकती है और दुनियाभर में खेती-किसानी पर इसका विनाशक असर पड़ सकता है। ... भारत-पाक के बीच परमाणु जंग में दोनों देश एक दूसरे के प्रमुख शहरों पर कम असर के हिरोशिमा आकार के हथियारों से हमला करते हैं तो समताप मंडल में जमा हुए धूल-धुएं और रसायनों के बादल वहां लम्बे समय तक ठहर सकते हैं जिससे दुनियाभर में मौसम ठंडा हो जाएगा। ... परमाणु युद्ध से पैदा हुआ विशाल मलबा और धुंआ सूर्य की रोशनी को दशकों तक रोक सकता है और नजीजतन पृथ्वी पर जबर्दस्त ठंड पड़ सकती है।

अब सोचिए कि तकनीक में अपनी श्रेष्ठता साबित कर चुका जापान ऐसी तकनीकी इजात कर ले जिससे जबर्दस्त ठंड के बीच भी कृषि की जा सकती हो तो क्या होगा? दुनियाभर में हो हल्ला मचाने के बावजूद ग्लोबल वार्मिंग का कोई ठोस उपाय न मिल पाने के कारण सभी परेशान हैं। ऐसे में ताजा शोध पर अमल करके यदि ग्लोबल वार्मिंग से निजात मिल सकती है और धरती पर जबर्दस्त ठंड पड़ सकती है तो हो सकता है आज के तथाकथित विकसित और अग्रणी देश भारत-पाक को परमाणु युद्ध में झौंक दें। कुल मिलाकर बात वहीं आती है कि जब तक भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध नहीं होता, तब तक ग्लोबल वार्मिंग का कोई हल दुनिया के पास नहीं है। मतलब साफ है कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए भारत-पाक ही जिम्मेदार हैं। इसलिए उन्हें बार्डर पर छिटपुट गोलीबारी और शहरों में छोटे-बड़े धमाके करने की बजाए दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए परमाणु युद्ध की घोषणा कर देनी चाहिए।

1 comment:

  1. good very good thoughts dear, we r responsible for global warming mr cylencer.

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