कल तक मेरे मुंह लग रही थी, मुझे चिढ़ा रही थी
सिर पर चढ़कर मेरा 'जीना' मुहाल कर रही थी।
आज हालात थोड़ा मेरे पक्ष में क्या हुए,
पैरों में लिपटकर देहरी और फिर बेडरूम तक चली आयी।
इंसान ही नहीं, धूल का भी स्वभाव ऐसा होता है।।
सिर पर चढ़कर मेरा 'जीना' मुहाल कर रही थी।
आज हालात थोड़ा मेरे पक्ष में क्या हुए,
पैरों में लिपटकर देहरी और फिर बेडरूम तक चली आयी।
इंसान ही नहीं, धूल का भी स्वभाव ऐसा होता है।।
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