Wednesday, March 24, 2021

देखो नेता सच्चा दिखता है, पर दिल से झूठ लगा रखा है...

देखो नेता सच्चा दिखता है, पर

दिल से झूठ लगा रखा है।

इसने ही तो झूठ बोल-बोल कर

हमको वर्षों से ठगा है।


नेता! नेता! सच बतलाओ

अब किसे ठगने आए हो?

बहुत दिनों के बाद आज फिर,

इस गली में आए हो।


क्या नारा है, अब क्या झूठ बोलते हो?

बतला दो नेता जी!

चुनाव आते देखकर,

फिर इस गली में आए हो जी।


नेता! यह झूठ बोलना क्या तुमने,

अपनी पार्टी से सीखा है?

पार्टी ने ही क्या तुमको झूठ,

बोलने का कोर्स कराया है?


गली-गली में झूठ बोलना, चिल्लाना

जिसने तुम्हें सिखाया है,

गली-गली झूठ का पुलिंदा

बांधकर आओ ये भी तुम्हें बताया है।


बड़े धूर्त हो, तुमने अपनी पार्टी की

बात सदा ही है मानी

इसलिए ही तो तुम हो गए हो

इतने मक्कार और अभिमानी।

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