विकास तुम कहां हो,
तुम्हारी तलाश सबको है।
नेताजी बोलते हैं हम लाए,
पर तुम कहीं नजर नहीं आए।
कोई कहता है तुम सड़क पर हो,
कोई तुम्हें बिल्डिंग में बताता।
भाई मेरे समझ में ये नहीं आता,
चुनाव के बाद तू चला कहां जाता।
तुम्हारी बात तो सब करते हैं,
चुनाव के बाद तुम्हें ही भूल जाते हैं।
नेता हिंदू-मुसलमान गाते हैं,
चुनाव जीतने पर तुम्हारे गुण गाते हैं।
विकास तुम कहां हो,
इस बार आना, तो दर्शन जरूर देना।
मंत्री से लेकर संतरी तक तुम्हारे मुरीद हैं,
एक झलक दिखला दो, चुनाव नजदीक हैं।
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