Monday, September 20, 2021

फिर नया आशियाना होगा, एक बार फिर नया ठिकाना होगा।

 नई उड़ान, नया सफर

मंजिल भी नई है।

उम्मीदें नई हैं, हौसले नए

उमंग भी तो नई है।


एक डाल से उड़ा पंछी,

दूसरी डाल पर जा बैठेगा।

फिर नया आशियाना होगा,

एक बार फिर नया ठिकाना होगा।


नई डाल की नई चुनौतियां,

नए रास्तों से रूबरू मिलना होगा।

पुराने रास्तों का प्रेम और

पुरानी डाल का अनुभव साथ होगा।


जीवन की सीख नई होगी,

नई रीत से मेल-जोल होगा।

बस यूं है ये रास्ता आगे बढ़ेगा,

पुरानी डाल का योगदान अनमोल होगा।

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