Monday, August 15, 2011
तख्ता पलट ही एकमात्र रास्ता है
अन्ना के साथ आज पूरा देश है और अन्ना आज हिन्दुस्तान की जनता के रोष का प्रतीक बन गए हैं। शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने की जो कोशिश केन्द्र सरकार कर रही है उसे देखते हुए तो साफ लगता है कि यह सरकार निरंकुश हो चुकी है। ऐसी निरंकुश सरकार को किस तरह से उखाड़कर फेंका जाता है यह हमने हाल ही में मिस्र (इजिप्ट) में देखा है। जो हालात अभी देश के बन रहे हैं उसे देखते हुए सेना (आर्मी) को इस निरंकुश सरकार उखाड़ फेंकना चाहिए। वैसे सेना भले ही ऐसा करे या न करे इस देश की जनता तो ये कर ही देगी। लेकिन इस सरकार को अब एक दिन या एक घंटे भी सत्ता में रहने का हक नहीं है। इसलिए मेरी सेना से गुजारिश है कि वह मिस्र की तरह सरकार को उखाड़ फेंके।
जिस तरह से आज सुबह अन्ना और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया है उसे देखते हुए सरकार की नीयत का पता चलता है। महात्मा गांधी के पौत्र तुषार गांधी ने अंदेशा जताया कि अब इस आंदोलन का वह दौर आ गया है जब राजनीतिक पार्टियों के अरातक तत्व उनके बीच घुसकर अराजकता या दंगा फैला दें। क्योंकि अन्ना ने सभी से अहिंसक आंदोलन में शामिल होने को कहा है। उन्होंने किसी भी तरह की हिंसा में शामिल नहीं होने को कहा है। लेकिन कुछ तत्व अब उनके इस आंदोलन को अपने फायदे के लिए या उसे बदनाम करने के लिए ऐसा कर सकते है। तुषार गांधी का यह बयान बेबुनियाद भी नहीं है। जिस तरह से सरकार कार्रवाई कर रही है उसे देखते हुए लगता तो यही है कि सरकार इस जन आंदोलन को दबाने के लिए दंगा तक करवा सकती है।
एक बार फिर कांग्रेस भाजपा को गुजरात दंगों की याद दिला रही है लेकिन उन्हें 1984 के दंगे भी नहीं भूलने चाहिए जो उनके राज में हुए थे। अन्ना को गिरफ्तार करके सरकार ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। अब देश की जनता उनका जो हाल करेगी उससे सरकार खुद भी डरी हुई है इसलिए अब अन्ना को व्यक्तिगत आक्षेप लगाने से मना किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने तो अन्ना हो भला व्यक्ति बताते हुए उनकी मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं अन्ना का समर्थन करती हूं लेकिन जिस तरह का अंदोलन वह कर रहे हैं उसमें कुछ भी अनहोनी हो सकती है। साफ है जिस तरफ तुषार गांधी इशारा कर रहे थे अंबिका सोनी भी वही बात कर रही हैं। कहीं ऐसा तो नहीं की सरकार अन्ना के आंदोलन की आंच को कम करने के लिए समर्थकों के बीच अपने कुछ लोगों को भेजकर अराजकता और हिंसा फैलाने के बारे में सोच रही हो।
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