देश फिर एक हुआ है
बेवजह भटक रही जवानी की
रगों में फिर से खून का कतरा बहा है
देश फिर से एक हुआ है।
एक बूढ़े शेर ने दिखाई अपनी जवानी है
आंदोलित कर दिया उसने हिन्दुस्तान को,
हर कोई उठ खड़ा हुआ है आज
हर जुबान पर उसी 'जवान' की कहानी है।
अन्ना डटे हुए मैदान में
दुनिया जिसे देख हैरान है
जन-गण इतना जुट गया कि
बड़े-बड़े सूरमा परेशान हैं।
लक्ष्यहीन हो जवानी भटक रही थी
अन्ना ने एक चिंगारी दी
अब देखेगी दुनिया युवाओं की ताकत
भ्रष्टतंत्र से अब मिलकर रहेगी राहत।
महबूब के हसीन सपने नहीं
महबूबा की बाहों की चाहत नहीं
देश के युवाओं की आज सिर्फ एक चाहत
जन लोकपाल जन लोकपाल।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment