‘खेल खतम पैसा हजम!’ अरे नहीं, पैसा ऐसे कैसे हजम हो जाएगा? अभी तो मामला तन गया है और हाईकोर्ट तक बात पहुंच गई है जनाब। वैसे हम इस झमेले में नहीं फंसने वाले, हम तो बात करेंगे कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज के बारे में। भई गेम्स तो खत्म हो लिए, इस बार हमारे तीर निशाने पर लगे और गोलियां भी नहीं चूकी। इसलिए ऑस्ट्रेलिया को छोड़ बाकी सबको पटखनी देकर हम अंक तालिका में दूसरे नंबर पर पहुंच गए। अब गेम्स विलेज का क्या होगा, सुना है डीडीए उसे जल्द ही अपने कब्जे में लेकर खरीदारों को न्यौता देने वाला है। सुना है लगभग 1 करोड़ रुपए से एक फ्लैट की कीमत शुरू होती है, और जिसकी अंटी में इतना पैसा हो वह ले उड़े। जरा ठहरिए! हमारे पास एक सुझाव है इस गेम्स विलेज के इस्तेमाल को लेकर।
नेताजी! अरे भई संसद में बैठने वाले अपने सांसद महोदय, उन्हें क्यों न इन फ्लैटों में बसा दिया जाए। सांसद महोदय को वर्ल्ड क्लास सुविधा मिल जाएगी और डीडीए की फ्लैट बेचने की कवायद का झंझट भी खत्म हो जाएगी। वैसे भी हमारे सांसद महोदय सेंट्रल दिल्ली के अलिशान बंगलों में तन्हा रहकर बोर हो चुके हैं, यहां सब साथ-साथ रहेंगे, खेलेंगे, कुदेंगे और ऐश करेंगे और क्या!
इसका एक फायदा यह भी है कि अलग-अलग बंगलों में सुरक्षा देने में देश का ढ़ेर सारा पैसा जो खर्च होता है, वह भी कुछ बच जाएगा। भई देखिए, हमें तो यह आइडिया बिल्कुल ‘व्हाट एन आइडिया सरजी’ वाला आइडिया लगा। बाकी डीडीए व सांसद महोदयों की मर्जी, हमने तो अपनी तरफ से सिफारिश कर दी है। बाकी रही बात जिन बंगलों में अभी हमारे नेताजी लोग रह रहे हैं उनके इस्तेमाल की तो, उनका भी कुछ न कुछ सोच ही लिया जाएगा।
आइडिया तो गेम्स विलेज को छात्रों के लिए हॉस्टल की तरह इस्तेमाल का भी बुरा नहीं है। सुना है ऐसा ही आयोजन समिति ने भी पहले सोचा था। सुना तो यह भी है कि उन्होंने यह भी सोचा था कि इसे हॉस्टल की तरह इस्तेमाल करेंगे और आगे जब भी इस तरह का कोई आयोजन होगा तो फिर गेम्स विलेज का इस्तेमाल कर लेंगे।
बुढ़े नेता या फिर हमारे युवा छात्र बंधु, जो भी हमारे इस आइडिया को भुनाने की कोशिश करेगा, हम उसका पूरा साथ देंगे। अगर युद्ध दो तरफा हो तो मजा ही आ जाए, फिर देखेंगे कि युवा शक्ति जीतती है या नेताजी बाजी मार ले जाते हैं। हम तो ईशारा दे चुके हैं, अब यह आइडिया सही जगह तक पहुंच जाए और कहीं से एक चिंगारी जल उठे तो मजा आ जाए।
आप सोच रहे होंगे अब इतनी देर में क्यों तो आपको बता दूं लाइवहिन्दुस्तान के ब्लॉग पर उस समय लिखा था लेकिन अपने व्यक्तिगत ब्लॉग पर पोस्ट को टांगने का वक्त अब ही मिला है।
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