
अब तो हद हो गई है, सीवीसी और 2जी स्पेक्ट्रम मामले ने प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर जो दाग लगाया था उसे विकीलीक्स के ताजा खुलासे ने और भी गाढ़ा दाग बना दिया है। शायद हमारे पीएम साहब को सर्फ का वो विज्ञापन कुछ ज्यादा ही भा गया है, जिसमें कहा गया है कि 'दाग अच्छे हैं'। मनमोहन जी आप ईमानदार हो सकते हैं लेकिन आपकी ईमानदारी पर बट्टा लगाने वाले इन दागों का क्या? एक महापुरुष ने कहा था कि गुनाह सहना भी एक गुनाह है। आज के एक शिक्षाविद् की माने तो 'अगर आपके पड़ोस में किसी पर अत्याचार हो रहा है और आपको नींद आ जाती है तो अगल नंबर आपका है'। श्रीमान प्रधानमंत्री महोदय आपकी नाक के नीचे 2जी घोटाला हो गया और आप यह कह कर बचने की कोशिश करते नजर आए कि राजा ने आपकी बात नहीं सुनी। आपकी इस बात से तो ऐसा ही लगता है जैसे राजा सच में उस समय राजा बन गए थे और आपके उनके दरबार में जी हुजूरी करने वाले दरबान। सीवीसी मामले में भी आपने पामोलीन मामले के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही, जिससे साफ लगता है कि आप ईमानदार तो पता नहीं लेकिन झूठ बोलने में बड़े माहिर हैं। लेकिन मुसीबत यह है कि आपका झूठ पकड़ा जाता है।
अब 2008 में सत्ता बचाने के लिए जिस तरह से 'नोट फॉर वोट' हुआ था, उस समय आप लोगों ने इसे लोकतंत्र के लिए शर्म कहकर संसद में नोट लहराने वाले सांसदों को ही गुनहगार साबित कर दिया था लेकिन विकीलीक्स ने आपकी पोल खोल दी। अब ये कैसी ईमानदारी है श्रीमान कि सरकार बचाने के लिए पैसे देकर एमपी खरीदे और फिर भी ईमानदारी का मेरा रंग दे बसंती चोला। अब मुझे आपकी ईमानदारी पर कोई शक नहीं है, आप जैसी महापुरुष रूपी बिल्लियां इस धरती पर बहुत कम ही पैदा होते हैं जो सौ चूहे खाकर भी हज जाए बिना हज का मजा लेती रहती हैं और फरिस्ते कहलाती हैं वरना तो सौ चूहे खाकर बिल्ली हज जाने की सोच ही लेती है। आप ऐसा भी नहीं सोचते तो आपमें कोई बात तो होगी, मजे लो इस सत्ता का, पता नहीं कल हो न हो। और हां अभी तो तीन साल और हैं आपकी सरकार के अभी गुंजाइश है आपको ऐसी ही कुछ और ईमानदारियां दिखाने का जिससे हमारी जेबें तो कट जाएं लेकिन आप चोरी करके भी रॉबिनहुड कहलाएं। धन्यवाद
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